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विचार: खतरें में देश का भविष्य

चाइल्ड बेगर इन इंडिया . अगर कोई बच्चा भीख मांगता हुआ दिखे तो आपको कैसा प्रतीत होगा , आये दिन हम लोग मेट्रो , रेलवे स्टेशन,मंडी और ना जाने कँहा-कहाँ बच्चो को भीख मांगते हुए देख लेते है.
कभी आपने सोचा कि ये बच्चें इतने छोटे हैं.. इसके भी माँ-बाप होंगे … कोई ना कोई तो होगा फिर भी ये बच्चे भीख क्यों मांगते हैं ? जिस उम्र मे इसे खेलना चाहिए था उस उम्र ये बच्चे भीख मांगते है! … भीख भी एसे मांगते हैं जैसे इसको कोई ट्रेनिंग दी गई हो और हाँ दिन मे तो ये भीख माँगते हैं और रात को ड्रग्स भी सप्लाई करते हैं । क्या ये बच्चे खुद करते हैं ? नहीं ! उन बच्चों से करवाये जाते हैं ।
चंद पैसों के लिए इन छोटे छोटे बच्चों के हाथों से , हसारे देश के भविष्य से ये देशद्रोही कुत्तें छोटे छोटे शहरों , गाँव देहातो से बच्चों को उठाते हैं और फिर इन बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है , भीख मांगने की ट्रेनिंग दी जाती है और फिर इन बच्चों का गुट बनाया जाता है और फिर पहले से र्निधारित जगहों पर भेजा जाता है ।
सुबह से शाम तक ये बच्चें भीख माँगते हैं और थोड़ा अंधेरा होते ही पहले से बताए तय स्थान पर सारे चाइल्ड बेगर इकट्ठा होते हैं और दिन भर में जो भीख मांगते हैं व सारा भीखनुमा पैसा उनसे ले लिया जाता है और यही रोज का सिलसिला चलता रहता है

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